How to save from agricultural and environmental side effects

कृषि एवं पर्यावरण दुष्प्रभाव से कैसे बचाया जाए ( How to save from agricultural and environmental side effects )

आधुनिक कृषि (modern agriculture) --

भूमि पर फसलों को गाना, कुर्ती कटाई और पशुपालन कृषि के अंतर्गत आते हैं मानव विकास के प्रारंभिक काल में मनुष्य पशु उसके शिकार तथा कंदमूल फलों से अपना भोजन प्राप्त करता था धीरे-धीरे उसने कुछ पशु को पालतू बनाया प्रारंभ किया उसके बाद मनुष्य की खेती करना शुरू किया प्राचीन कृषि पद्धति में आज की तरह थ्रेसर ट्रैक्टर आदि का उपयोग नहीं किया जाता उस समय हल और बैल की सहायता से खेती की जाती गोबर की खाद का उपयोग किया जाता लेकिन आधुनिक कृषि में उन्नत किस्म के बीज और रसायन उर्वरक के उपयोग से खाद्य उत्पादन में वृद्धि हुई स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात किसी की उन्नत प्राणी को अपनाया गया उसमें आधुनिक किसी कहते हैं 
इसमें उन्नत किस्म के बीजों रासायनिक उर्वरकों कीटनाशकों सिंचाई की आधुनिक साधनों का उपयोग करके अधिक उपज प्राप्त की जाती है आधुनिक कृषि से उन्नत उत्पादन में व्यापक परिवर्तन आए और वर्गों के उपयोग से फसलों उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई कि ना सको के उपयोग से फसलों को हानि से पहुंचाने वाले कीड़ों को नष्ट करना प्रारंभ किया आधुनिक कृषि यंत्रों से खेती करना आसान हो गया

आधुनिक कृषि का पर्यावरण पर प्रभाव---

आधुनिक कृषि हमारे पर्यावरण को कई प्रकार से प्रभावित करती है इनमें से कुछ इस प्रकार है जैसे खदानों के उत्पादन में वृद्धि हेतु वन को नष्ट करके संबंधित भूमि को खेती योग्य बनाया जाता है वनों के काटने से जहां खेती योग्य भूमि प्राप्त होती है वही बाण और भूमि के कटान जल परिवर्तन सूखा वायु प्रदूषित जैसे हानिकारक प्रभाव भी होते हैंमिट्टी के कटाव के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी आती है जल के साथ बहकर मिट्टी के नदियों में जाने से नदियों का ऊपर आ जाता है इससे नदियां की जल धारण क्षमता कम हो जाती है

उर्वरक---

औरत भी पदार्थ हैं जो मिट्टी की उपज शक्ति को बढ़ाते हैं उनको बाहरी खाद कंपोस्ट जैविक खाद कारण खाद्य उर्वरक रसायन उर्वरक कृत्रिम विधि से कारखानों में बनाए जाते हैं आधुनिक कृषि में रसायनिक उर्वरकों का अधिक उपयोग किया जाता है जो पर्यावरण पर अपना हानिकारक प्रभाव डालते हैं इनका अधिक उपयोग मिट्टी व जल को प्रदूषित करता है सामान्यता खेत में डाले गए उर्वरक का 60 % अंश ही पौधों द्वारा उपयोग में लाया जाता है सिर्फ मिट्टी पर बुरा प्रभाव डालते हैं इसमें भूमि के उपाय तत्व नष्ट हो जाते हैं और वर्गों के रसायन वर्षा के जल के साथ बहकर नदियों जलाशयों और भूमिगत जल से मिलकर उन्हें दूषित करते हैं

कीटनाशक रसायन----

कीटनाशक रसायन वे पदार्थ है जो फसलों को हानि पहुंचाने वाली कीर्ति जातियों को नष्ट करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं यह हानिकारक कीटों के अतिरिक्त अन्य जीवो पर भी प्रभाव डालते हैं कृपया पेड़ पौधों के जड़ तना पत्ती आप उसको को नुकसान पहुंचाते हैं आपने देखा होगा कि 20 पौधों की पत्तियों को को खाती है जब टिड्डी दल खेतों में आ जाता है तो तब हुई पूरी फसल नष्ट हो जाती है फसलों को हानि पहुंचाने वाले कीटों को नष्ट करने के लिए कीटनाशक रसायन का उपयोग किया जाता है हानिकारक कीटों के अतिरिक्त हमारे लिए लाभदायक जीवो पर भी रसायन अपना प्रभाव डालते हैं जैसे मेडकी छुआ तथा अन्य जीव जो प्राकृतिक रूप से कृषि के लिए लाभकारी होते हैं कीटनाशक दवाई कैचुओ को भी नुकसान पहुंचाती हैं

एक प्रकार से हम कह सकते है कि कैचुए किसान के मित्र होते हैं यह मिट्टी को उपज बनाते हैं यह मिट्टी को भुरभुरा करके भाइयों को अंदर जाने का मार्ग देते हैं जिससे नवीन धारण की क्षमता बढ़ी जाती है यह मिट्टी के लिए बहुत उपयोगी होते हैं रसायनों के उपयोग से इनकी संख्या कम होती जाती है

कीटनाशक रसायन मनुष्य और जीवन पर प्रभाव डालते हैं यह वर्षा के जल के साथ बहकर नदियों तालाबों और जलाशयों में मिल जाते हैं इनके जल में मिलने के कारणमछलियां तथा अन्य जलीय जीव की मृत्यु हो जाती है कि नाशिक रसायन मानव स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव डालते हैं जैसे आंखों में थकावट जलन और धुंधलापन जैसी नेत्र संबंधी सामान्य कारण बीमारियां हो जाती हैं कि ना सको के दुष्प्रभाव से बचने के लिए कीटनाशक रसायन का छिड़काव करते समय गैस मास का उपयोग करना चाहिए 

पशुपालन------

आपने अपने गांव में बैल भैंस बकरी आदि पशुओं को देखा होगा आपके यहां कौन-कौन से पशु है इन पैसों में कौन-कौन से पशु किसी कार्य में सहायता करते हैं जिसमें भिन्न प्रकार की पशु पाए जाते हैं भारत पशुधन के क्षेत्र में समृद्ध है किसी कार्य में पशुओं का हमेशा से उपयोग किया जाता रहा है पशुपालन से लोगों को रोजगार प्राप्त होता है पशुपालन के अंतर्गत गाय भैंस बैल भेड़ बकरी मुर्गी आदि पाले जाते हैं गाय भैंस के दूध प्राप्त होता है जो दूध डेयरी उद्योग का मुख्य आधार होता है डेयरी उद्योग का महत्वपूर्ण दूध और इससे बनने वाले उत्पादों आदि के लिए भीड़ से उन की प्राप्ति होती है मृत पशुओं की खाल से बैग पर्स अटैची आदि बनाए जाते हैं प्राचीन काल से ही मनुष्य खेती और पशुपालन करता आ रहा है कृषि कार्य हेतु पशुओं का उपयोग किया जाता है खेती से लेकर मंडी तक खदानों को पहुंचाने तक सारा कार्य पशुओं के सहयोग से किया जाता है लेकिन आधुनिक किसी का उपयोग होने से अब पशुओं का स्थान नए-नए कृषि यंत्रों से ले लिया है कृषि यंत्र ट्रेक्टर थ्रेसर कल्टीवेटर हार्वेस्टर से खेती में उन्नति हुई है कृषि यंत्रों से होने वाले दुष्प्रभाव को देखा जाए तो इनमें उपयोग किया जाने वाला डीजल का धुआं बात और को दूषित कर देता है कृषि उपकरणों का उपयोग किए जानेसे खेती में उपयोगी पशु की संख्या कम होने के कारण गोबर तथा कंपोस्ट खाद का स्थान रसायनिक उर्वरकों ने ले लिया है जो पर्यावरण को प्रभावित करता है

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